Author Name – Sarita Sareen Malik
Published By – Saptrishi Publications
Subject – Poems
सरिता के इस पहले संग्रह की कविताएँ, भावनाओं के अकूत समंदर की ओर इशारा करती हैं। जिंदगी के स्वैटर के सतरंगी मायनों को समझना हो या कठोर पत्थरों के उपमानों से दिन ब दिन बदलते मनुष्य और शहर को देखना हो, उसकी बेदर्दी को महसूस करना हो तो सरिता की कविताएँ हमें उस यात्रा पर धीमे से लिये चलेंगी। वे जिंदगी के विविध आयाम दर्शाने वाली कविताएँ रचती हैं और प्रकृति से इनका संबंध गाढ़ा है। सादा और निश्छल कविताएँ इस संग्रह की खासियत हैं। इन को पढ़ आप जिंदगी से रूबरू होते हैं और जैसा अपनी कविता ‘मुलाकात’ में वे कहती हैं ‘अरसे बाद आज मेरी खुद से मुलाकात हो गयी’ तो सचमुच लगता है हमारी भी जिजीविषा के रंगों से मुलाकात हो गयी! इस संग्रह के लिये सरिता को ढेर सारी शुभकामनाएँ।
गुरमीत बेदी (सुप्रसिद्ध लेखक)
भूतपूर्व डिप्टी डाइरेक्टर, हिमाचल भवन