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Tum Agar Hote

Author Name – Prof. (Dr.) Manju Verma
Published By – Saptrishi Publications
Subject – Poems

मेरा प्रथम काव्य संग्रह ‘तुम अगर होते’ मेरे जीवन की एक बहुमूल्य उपलब्धि है जिसने एक इतिहासकार को एक कवयित्री के सांचे में ढाल संवेदनशील बना दिया है। यह काव्य संग्रह मेरे प्रियवर स्वर्गीय श्री राजीव वर्मा को एक सप्रेम श्रद्धांजलि है ।
इन कविताओं के माध्यम से मैंने अपने प्रियतम से मिलने और बिछुड़ने के एहसासों को कलमबद्ध कर उनके साथ बिताए सुखद लम्हों को एक बार फिर से जीने का प्रयास किया है। यह कविताएं महज कविताएं ही नहीं है यह मेरे चार दशकों के रिसते दर्द की अभिव्यक्ति है । अपने प्रेम को खोने के गम और कई सालों के अकेलेपन की दास्तान को मैंने लफ्जों में पिरोने का प्रयास किया है। काव्य संग्रह ‘तुम अगर होते’ में लिखी कविताओं के माध्यम से मैंने अपने हृदय के खालीपन और अपनी उम्र के इस पड़ाव पर अपने जीवन साथी की कमी को हुए कहीं ना कहीं उनके लौट आने की उत्कंठा व्यक्त की है।

-प्रो. (डॉ.) मंजू वर्मा

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Gadar ਗ਼ਦਰ

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