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Kavitanjali

Author Name – Er. Kewal Krishan Gupta
Published By – Saptrishi Publications
Subject – Poetry

‘एहसास’ को ‘सोच’ के वस्त्र पहनाकर शब्दों का रूप देने से कविता का जन्म होता है तथा जिस प्रकार फूलों के कई पौधों का एक स्थान पर रोपन कर देने से उपवन बन जाता है ठीक उसी प्रकार कई कविताओं के समूह को काव्य कहते हैं। जैसे उपवन में कई किस्म के फूल लगाए जाते हैं जैसे गुलाब, चंपा, चमेली, मोतिया, रात की रानी आदिए उसी प्रकार काव्य में भिन्न-भिन्न विषयों पर भिन्न-भिन्न एहसासों को कवि भिन्न- भिन्न प्रकार से व्यक्त करता है।
प्रस्तुत कृति में मैंने कई विषयों पर जैसे सृष्टि की उत्पत्ति पर्यावरण प्रदुषण व नियंत्रण, सामाजिक कुरीतियां, इतिहास, प्रकृति व मनोरंजन आदि विषयों पर अपने विचारों को कविता के माध्यम से आप लोगों के साथ बांटने का विनम्र प्रयत्न किया है।

इंजी. केवल कृष्ण गुप्ता

160.00