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Madhumanjri
Author Name – Chhaya Tyagi
Published By – Saptrishi Publications
Subject – Poetryछाया त्यागी बहुमुखी प्रतिभा संपन्न, श्रेष्ठ कवयित्री, लेखिका, विख्यात वक्ता, समाज सेविका, योग मे निष्णात्, आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख, सदगुणों से परिपूर्ण, मिलनसार एवं अच्छी इंसानियत की शख्सियत हैं। आज के भौतिकवादी युग मे इनकी सादगी, विचारों की परिपक्वता, भावों की गहराई, भाषा की पकड़, श्रृंगारिक व प्रकृति के सानिध्य में रचे बसे गीत, कविता, हमें महादेवी वर्मा जी की की याद दिलाते हैं।
‘नौरंगिनी’ और ‘अंतरंग’ के बाद ‘मधुमंजरी’ इनका तीसरा काव्य संग्रह है। पहले दो काव्य संग्रहों को पाठकों का भरपूर स्नेह मिला है। छः ऋतुओं पर आधारित छंद-काव्यकृति अत्यंत उत्कृष्ट है। अनछुए भावों को छूने की सामथ्र्य रखती रचनाओं को साधारण पाठक भी पढ़कर समझने की सामथ्र्य रखता है। छंद-विधान में सुगठित रचनाएं स्कूल से लेकर महाविद्यालय तक के पाठ्यक्रम में भी लगायी जा सकती हैं। मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि तत्संबंधित महानुभवी ‘मधुमंजरी’ को ध्यान से पढें। इनके साहित्यिक सफर का सहयोगी उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।डॉ. आई. डी. सिंह
संस्थापक अध्यक्ष, रीडर्स एण्ड राइटर्स सोसायटी
ऑफ इण्डिया चंडीगढ़ -
Sudhiyon Ki Suvaas
Author Name – Chhaya Tyagi
Published By – Saptrishi Publications
Subject – Memoirs‘सीपियाँ एहसास की’ काव्यकृति भी कुछ इसी तरह की ही है। जब मेरे मन के सागर में विचार रुपी लहरों की उथल-पुथल होती है तो कुछ अनगढ़े से गीत, ग़ज़ल, नज़्में सीपियों की शक्ल में गढ़ दिए गए हैं। मनोरम पहाड़, सागर- नदियाँ, बाग-बगीचे, फूल-कलियाँ, धूप-शबनम, और चाँद-तारों के इंद्रधनुषी रंगों से रंगकर इन सीपियों को कागज रुपी रेत पर छोड़ दिया गया है।उम्मीद करती हूँ कि ‘सीपियाँ एहसास की’ काव्य-कृति को भी मेरी पूर्व प्रकाशित काव्यकृतियों नवरंगिनी, अंतरंग और मधुमंजरी की तरह ही पाठकों द्वारा स्वीकारा जायेगा। अपने पूर्व सुधी पाठकों का हदयतल से धन्यवाद करती हूँ और नये पाठकों का भी स्वागत करती हूँ।